Global Day of Parents 2023: माता-पिता को समर्पित है ये दिन, जानिए कैसे हुई इसकी शुरुआत और क्या है महत्व
Global Day of Parents 2023 History- माता-पिता के नि:स्वार्थ प्रेम और त्याग के लिए उन्हें शुक्रिया कहने का दिन है ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स, जो हर साल 1 जून को मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे हुई इस दिन की शुरुआत और क्या है महत्व.
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Global Day of Parents 2023 History and Significance: दुनिया में हमारी पहचान हमारे माता-पिता से होती है. वो ही हमें इस संसार में लेकर आते हैं और उन्हीं के नाम से हमें पहचान मिलती है. आप चाहे कितने ही बड़े व्यक्ति क्यों न बन जाएं, जब भी कोई बड़ा दस्तावेज आपके सामने आएगा, उसमें आपको अपने माता-पिता का नाम जरूर बताना पड़ेगा. आज के समय में आप जो कुछ भी हैं, वो अपने माता-पिता के संस्कार और उनकी दी हुई परवरिश की बदौलत हैं.
माता-पिता अपनी संतान के जीवन को संवारने के लिए अपनी पूरी जिंदगी की खुशियों से समझौता कर लेते हैं. ऐसे माता-पिता को शुक्रिया कहने का दिन है ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स (Global Day of Parents) जो हर साल 1 जून को मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि कैसे हुई इस दिन की शुरुआत और क्या है महत्व.
कैसे हुई ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स की शुरुआत
जो माता-पिता बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए अपनी जिंदगी को भी न्योछावर करने से पीछे नहीं हटते, बुढ़ापा आने पर उन माता-पिता के देखरेख की जिम्मेदारी जब बच्चों पर आती है, तो बच्चे पीछा छुड़ाकर भागने लगते हैं. वे आत्मकेंद्रित हो जाते हैं. इस स्थिति को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने माता-पिता दिवस मनाने के लिए एक कांग्रेस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया था ताकि पारिवारिक प्रतिबद्धता और माता-पिता की जिम्मेदारी को बढ़ावा दिया जा सके.
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इस विचार को यूनिफिकेशन चर्च, सीनेटर ट्रेंट लॉट ने समर्थन दिया और बिल को सीनेट में पेश किया. इसके बाद 1 जून साल 2012 में यूएन जनरल असेंबली में इस दिन को मनाने की आधिकारिक घोषणा की गई. तब से हर साल इस दिन को 1 जून को सेलिब्रेट किया जाता है.
इस दिन का महत्व
हमारे जीवन के लिए माता-पिता जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे उनका कोई स्वार्थ नहीं छिपा होता है. वो बस अपने बच्चे की खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. हमारे संस्कार और व्यक्तित्व के पीछे माता-पिता की ही झलक होती है. माता-पिता के इस प्रेम और त्याग के लिए हम कभी उन्हें शुक्रिया तक नहीं कहते हैं. ग्लोबल डे ऑफ पैरेंट्स माता-पिता को शुक्रिया कहने का दिन है और हम बच्चों को ये अहसास कराने का दिन है कि हमारे बुजुर्ग माता-पिता बोझ नहीं, हमारी जिम्मेदारी हैं. इस जिम्मेदारी को हमें फर्ज समझकर पूरा करना चाहिए. साथ ही माता-पिता को वो सम्मान देना चाहिए, जिसके वास्तव में वो हकदार हैं.
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